बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान
अध्याय - 5
प्रौढ़ावस्था एवं वृद्धावस्था में पोषण
(Nutrition During Adulthood and Old Age)
प्रश्न- वयस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए।
(i) संदर्भित महिला व पुरुष (ii) विभिन्न क्रियाशीलता वर्ग (iii) वयस्क व्यक्तियों में ऊर्जा की आवश्यकता।
2. वयस्क व्यक्तियों में विटामिन सम्बन्धी आवश्यकताएँ बताइए।
उत्तर -
एक वयस्क की पोषण सम्बन्धी आवश्यकता लिंग व क्रियाशीलता से प्रभावित होती हैं। भिन्न-भिन्न शारीरिक श्रम करने वाले व्यस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकता भिन्न-भिन्न होती है। परन्तु एक ही तरह का शारीरिक श्रम करने वाले स्त्री-पुरुष की भी पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं में भिन्नता पायी जाती है। शारीरिक श्रम/क्रियाशीलता के आधार पर वयस्क व्यक्तियों को तीन वर्गों में बाँटा गया है-
1. हल्का श्रम (Sedentary Work ) इस वर्ग के पुरुषों में शिक्षक, दर्जी, नाई, पुजारी, चपरासी, पोस्टमैन, अफसर, मोची, क्लर्क तथा सेवानिवृत्त व्यक्ति तथा महिलाओं में गृहणी, नर्स, शिक्षक, दर्जी, अफसर आदि आते हैं।
2. मध्यम श्रम (Moderate Work ) - इस वर्ग के अन्तर्गत किसान, बढ़ई, मिस्त्री, कुली, औद्योगिक श्रमिक, टोकरी बनाने वाले, कुम्हार, सुनार, नौकरानी, कृषि श्रमिक आदि आते हैं।
3. भारी श्रम (Heavy Work) इस वर्ग के अन्तर्गत लोहार, पत्थर तोड़ने वाले, खदानों में कार्य करने वाले, लकड़हारा व रिक्शा चालक आदि आते हैं।
I.C.M.R. द्वारा वयस्क स्त्री-पुरुषों के लिए पोषण तत्वों की दैनिक मात्राएँ प्रस्तावित की गयी हैं। इन्हें RDA (Recommended Daily Allowances) कहते हैं। यह हमेशा संदर्भित व्यक्तियों के लिए ही तैयार किये जाते हैं। भारतीय परिप्रेक्ष्य में संदर्भित महिला व पुरुष को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है -
संदर्भित पुरुष (Reference Man) - ये 20 से 39 वर्ष के होते है, जिनका वजन 60 kg होता है। ये बीमारियों से मुक्त रहते हैं तथा कार्य करने के लिए शारीरिक रूप से सक्षम होते हैं। ये एक दिन में 8 घण्टे का मध्यम श्रम करते हैं तथा शेष समय में 8 घण्टे बिस्तर पर, 4-6 घण्टे बैठकर तथा 2 घण्टे चलने या गृह कार्यों में व्यतीत करते हैं।
संदर्भित महिला (Reference Woman) ये 20 से 39 वर्ष की स्वस्थ्य महिला होती हैं, जिनका वजन 50 किग्रा होता है। ये 8 घण्टे हल्के श्रम, गृह कार्यों या मध्यम श्रम में बिताती हैं। शेष समय में से 8 घण्टे बिस्तर पर, 4-6 घण्टे बैठकर, 2 घण्टे चलने या गतिशील घरेलू कार्यों में लगाती हैं।
I.C.M.R. के द्वारा वयस्क व्यक्तियों के लिए जो पोषक तत्वों की आवश्यकताएँ प्रस्तावित की गयी हैं वे इस प्रकार हैं-
1. ऊर्जा (Energy) अलग-अलग श्रम में लगी हुई महिला व पुरुषों के लिए ऊर्जा आवश्यकताएँ निम्नलिखित है-
पुरुष - |
हल्का कार्य |
2425 किलो कैलोरी प्रतिदिन |
मध्यम कार्य | 2825 किलो कैलोरी प्रतिदिन | |
भारी कार्य | 3800 किलो कैलोरी प्रतिदिन | |
महिला | हल्का कार्य | 875 किलो कैलोरी प्रतिदिन |
मध्यम कार्य | 2225 किलो कैलोरी प्रतिदिन | |
भारी कार्य | 2925 किलो कैलोरी प्रतिदिन | |
गर्भावस्था | + 300 किलो कैलोरी प्रतिदिन | |
धात्रीवस्था | + 550 किलो कैलोरी प्रतिदिन |
2. प्रोटीन्स (Proteins) सभी व्यक्तियों के लिए प्रोटीन की आवश्यकता 1 ग्राम प्रति किलो ग्राम शारीरिक भार बताई गयी हैं। संदर्भित पुरुष का वजन 60 किलोग्राम व महिला का 50 किलोग्राम माना गया है।
3 वसा (Fats) - आहार में वसा दो रूपों में होती है दृश्य (visible) तथा अदृश्य ( invisible )। तेल, घी, मक्खन आदि के रूप में हम दृश्य वसा लेते हैं अदृश्य वसा अनाजों, नट्स तथा अन्य खाद्य पदार्थों से मिल जाती है।
4. कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) - इसके लिए अलग से कोई दैनिक प्रस्तावित मात्रा नहीं बताई गई है। प्रोटीन व वसा के उपरान्त बची हुई ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट से पूरी की जा सकती है। कार्बोहाइड्रेट को स्टार्च, शर्करा व फाइबर इन तीनों रूपों में आहार में सम्मिलित किया जाना चाहिए।
5. खनिज लवण (Mineral Salts) वैसे बहुत से खनिज लवणों की आवश्यकता होती है, परन्तु भारतीय आहार में प्रमुख रूप से कैल्शियम व लौह तत्व की कमी देखी जाती है।
कैल्शियम की आवश्यकता गर्भावस्था व धात्रीवस्था में बढकर 1000 मि. ग्राम हो जाती है, जबकि लौह तत्व की आवश्यकता गर्भावस्था में 38 मि. ग्राम व धात्रीवस्था में 30 मिग्रा ही बनी रहती है।
6. विटामिन्स (Vitamins) विटामिन्स में से B- complex की आवश्यकता शारीरिक श्रम के अनुसार बदलती है। अन्य विटामिन पर शारीरिक श्रम का प्रभाव नहीं देखा जाता है -
(i) विटामिन 'A' - वयस्क महिला, पुरुष, गर्भावस्था व धात्रीवस्था में इसकी आवश्यकता 600 mg रेटिनाल के रूप में या 2400 mg बीटा कैरोटीन के रूप में रहती है।
(ii) विटामिन “C” - वयस्क महिला, पुरुष व गर्भावस्था में इसकी आवश्यकता 50 मि. ग्राम प्रतिदिन की रहती है धात्रीवस्था में आवश्यकतानुसार दुगनी होकर 60 मि. ग्राम प्रतिदिन हो जाती है।
(iii) विटामिन 'B' - इसकी आवश्यकता दिन में ली जाने वाली कुछ कैलोरी की मात्रा से सम्बन्धित है। प्रति 1000 कैलोरी के लिए 0.5 मि. ग्राम विटामिन B1 की आवश्यकता रहती है।
(iv) विटामिन 'B' इस विटामिन की आवश्यकता भी कुल कैलोरी की ली जाने वाली मात्रा से जुड़ी हुई है। 6.6 मि. ग्राम राइबोफ्लोबिन प्रति 1000 कैलोरी के लिए पर्याप्त बताया गया है इसकी आवश्यकता वयस्क पुरुष व महिलाओं के लिए निम्नानुसार प्रस्तावित है.
लिंग | कार्य वर्ग | प्रस्तावित मात्रा |
पुरुष | हल्का कार्य | 1.4 मि. ग्राम |
मध्यम कार्य | 1.6 मि. ग्राम | |
भारी कार्य | 1.9 मि. ग्राम | |
महिला | हल्का कार्य | 1.1 मि. ग्राम |
मध्यम कार्य | 1.3 मि. ग्राम | |
भारी कार्य | 1.5 मि. ग्राम | |
गर्भावस्था | + 0.2 मि. ग्राम अतिरिक्त | |
धात्रीवस्था | + 0.3 मि. ग्राम अतिरिक्त |
(v) विटामिन 'Be' - इसकी दैनिक आवश्यकता ली गयी प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता से प्रभावित होती है।
पुरुष व महिला (सभी कार्य वर्ग हेतु)-------------------2.0 मि. ग्राम
गर्भावस्था व धात्रीवस्था--------------------------------2.5 मि. ग्राम
(vi) फोलिक एसिड - इसकी आवश्यकता स्वतन्त्र फोलिक एसिड के रूप में सुझाई गयी है, क्योंकि यह आसानी से शोषित हो जाता है।
(vii) विटामिन B12' - यह विटामिन केवल प्राणिज भोज्य पदार्थों में पाया जाता है। इसके अवशोषण के लिए एक इन्ट्रिसिक तत्व की आवश्यकता होती है।
कई पोषक तत्व होते हैं जोकि शरीर के लिए अत्यन्त आवश्यक होते हैं। एक सन्तुलित आहार लेने पर ये सभी पोषक तत्व व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में मिल जाते हैं। वयस्क व्यक्तियों को उपरोक्त सभी पोषक तत्व मिल सकें इसके लिए उन्हें प्रतिदिन निम्नलिखित तालिका के अनुसार खाद्य पदार्थों का चुनाव करना चाहिए।
आयु वर्ग | अनाज | दालें | हरी सब्जियाँ | अन्य सब्जियाँ | कन्दमूल | दूध | तेल व घी |
शकर गुड़ |
|
पुरुष | हल्का कार्य | 460 | 40 | 40 | 60 | 50 | 150 | 40 | 30 |
मध्यम कार्य | 520 | 50 | 40 | 70 | 60 | 200 | 45 | 35 | |
भारी कार्य | 670 | 60 | 40 | 80 | 80 | 250 | 65 | 55 | |
महिला | हल्का कार्य | 410 | 40 | 100 | 40 | 50 | 100 | 20 | 20 |
मध्यम कार्य | 440 | 45 | 100 | 40 | 60 | 150 | 25 | 20 | |
भारी कार्य | 575 | 50 | 50 | 100 | 80 | 200 | 40 | 40 | |
गर्भावस्था | +35 | +15 | - | - | - | +100 | - | +10 | |
धात्रीवस्था | +60 | +30 | - | - | - | +100 | +10 | +10 |
माँसाहारियों के लिए अलग से खाद्य पदार्थों की सूची प्रस्तावित नहीं की गयी है केवल दालों के कुछ भाग को अण्डे अथवा माँस, मछली के द्वारा बदल दिया गया है गर्भवती महिलाओं तथा धात्री स्त्रियों की अतिरिक्त आवश्यकता की पूर्ति हेतु अनाजों, दालों, दूध तथा वसा की अतिरिक्त मात्राएँ प्रस्तावित की गई हैं।
|
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- "आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार आयोजित करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
- प्रश्न- आहार द्वारा कुपोषण की दशा में प्रबन्ध कैसे करेंगी?
- प्रश्न- वृद्धावस्था में आहार को अति संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- आहार में मेवों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझती हैं? इसके उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- वर्जित आहार पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था में पोषण पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शिशु के लिए स्तनपान का क्या महत्व है?
- प्रश्न- शिशु के सम्पूरक आहार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- किन परिस्थितियों में माँ को अपना दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए?
- प्रश्न- फार्मूला फीडिंग आयोजन पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 1-5 वर्ष के बालकों के शारीरिक विकास का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 6 से 12 वर्ष के बालकों की शारीरिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये।
- प्रश्न- एक सुपोषित बच्चे के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- वयस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था की प्रमुख पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएँ कौन-कौन-सी हैं?
- प्रश्न- एक वृद्ध के लिए आहार योजना बनाते समय आप किन बातों को ध्यान में रखेंगी?
- प्रश्न- वृद्धों के लिए कौन से आहार सम्बन्धी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है? वृद्धावस्था के लिए एक सन्तुलित आहार तालिका बनाइए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिए एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था क्या है? इसकी विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था का क्या अर्थ है? मध्यावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शारीरिक विकास का क्या तात्पर्य है? शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले करकों को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास का क्या अर्थ है? क्रियात्मक विकास को परिभाषित कीजिए एवं मध्य बाल्यावस्था में होने वाले क्रियात्मक विकास को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक कौशलों के विकास का वर्णन करते हुए शारीरिक कौशलों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक विकास के लिए किन मानदण्डों की आवश्यकता होती है? सामाजिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्वों की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- बालक के सामाजिक विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण से आप क्या समझती हैं? इसकी प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से क्या तात्पर्य है? इनकी विशेषताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर बाल्यावस्था में सामाजिक विकास का क्या तात्पर्य है? उत्तर बाल्यावस्था की सामाजिक विकास की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेग का क्या अर्थ है? उत्तर बाल्यावस्था में संवेगात्मक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास की विशेषताएँ लिखिए एवं बालकों के संवेगों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- बालकों के संवेग कितने प्रकार के होते हैं? बालक तथा प्रौढों के संवेगों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बच्चों के भय के क्या कारण हैं? भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- संज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए। संज्ञान के तत्व एवं संज्ञान की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से क्या तात्पर्य है? इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझते हैं? वाणी एवं भाषा का क्या सम्बन्ध है? मानव जीवन के लिए भाषा का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भाषा- विकास की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा-विकास से आप क्या समझती? भाषा-विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में पाये जाने वाले भाषा सम्बन्धी दोष तथा उन्हें दूर करने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? भाषा के मापदण्ड की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? बालक के भाषा विकास के प्रमुख स्तरों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भाषा के दोष के प्रकारों, कारणों एवं दूर करने के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था में भाषा विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक बुद्धि का आशय स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'सामाजीकरण की प्राथमिक प्रक्रियाएँ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में भय पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाह्य शारीरिक परिवर्तन, संवेगात्मक अवस्थाओं को समझाइए।
- प्रश्न- संवेगात्मक अवस्था में होने वाले परिवर्तन क्या हैं?
- प्रश्न- संवेगों को नियन्त्रित करने की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- क्रोध एवं ईर्ष्या में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- बालकों में धनात्मक तथा ऋणात्मक संवेग पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के अधिगम विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के मनोभाषिक सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बालक के हकलाने के कारणों को बताएँ।
- प्रश्न- भाषा विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा दोष पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- वयः सन्धि का क्या अर्थ है? वयः सन्धि अवस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - (a) वयःसन्धि में लड़के लड़कियों में यौन सम्बन्धी परिपक्वता (b) वयःसन्धि में लैंगिक क्रिया-कलाप (e) वयःसन्धि में नशीले पदार्थों का उपयोग एवं दुरूपयोग (d) वय: सन्धि में आहार सम्बन्धी आवश्यकताएँ।
- प्रश्न- यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? भारत के प्रमुख यौन संचारित रोग कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एच. आई. वी. वायरस क्या है? इससे होने वाला रोग, कारण, लक्षण एवं बचाव बताइये।
- प्रश्न- ड्रग और एल्कोहल एब्यूज डिसआर्डर क्या है? विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- किशोर गर्भावस्था क्या है? किशोर गर्भावस्था के कारण, लक्षण, किशोर गर्भावस्था से बचने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- युवाओं में नशीले पदार्थ के सेवन की समस्या क्यों बढ़ रही है? इस आदत को कैसे रोका जा सकता है?
- प्रश्न- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास एवं नैतिक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सृजनात्मकता का क्या अर्थ है? सृजनात्मकता की परिभाषा लिखिए। किशोरावस्था में सृजनात्मक विकास कैसे होता है? समझाइये।
- प्रश्न- किशोरावस्था की परिभाषा देते हुये उसकी अवस्थाएँ लिखिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था की विशेषताओं को विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- किशोरावस्था में यौन शिक्षा पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- किशोरावस्था क्या है? किशोरावस्था में विकास के लक्षण स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था को तनाव या तूफान की अवस्था क्यों कहा गया है?
- प्रश्न- प्रारम्भिक वयस्कावस्था में 'आत्म प्रेम' (Auto Emoticism ) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था से क्या आशय है?
- प्रश्न- किशोरावस्था में परिवर्तन से सम्बन्धित सिद्धान्त कौन से हैं?
- प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख सामाजिक समस्याएँ लिखिए।
- प्रश्न- आत्म की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- शारीरिक छवि की परिभाषा लिखिए।
- प्रश्न- प्राथमिक सेक्स की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था के बौद्धिक विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सृजनात्मकता और बुद्धि में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- प्रौढ़ावस्था से आप क्या समझते हैं? प्रौढ़ावस्था में विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कावस्था के मानसिक लक्षणों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- वैवाहिक समायोजन से क्या तात्पर्य है? विवाह के पश्चात् स्त्री एवं पुरुष को कौन-कौन से मुख्य समायोजन करने पड़ते हैं?
- प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कतावस्था में सामाजिक विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर व्यस्कावस्था में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं तथा इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कौन-कौन सी रुकावटें आती हैं?
- प्रश्न- वृद्धावस्था से क्या आशय है? संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में संज्ञानात्मक सामर्थ्य एवं बौद्धिक पक्ष पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पूर्व प्रौढ़ावस्था की प्रमुख विशेषताओं के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- युवा प्रौढ़ावस्था शब्द को परिभाषित कीजिए। माता-पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में रचनात्मक समायोजन पर टिप्पणी लिखिए?
- प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60 वर्ष) में हृदय रोग की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- उत्तर-वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।